उद्देश्य
एनआईए का उद्देश्य मौजूदा और संभावित आतंकवादी समूहों/व्यक्तियों के लिए निरोध पैदा करना है।
पिछले कई वर्षों में, भारत सीमा पार से बड़े पैमाने पर प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। न केवल उग्रवाद और विद्रोह प्रभावित क्षेत्रों एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में, बल्कि भीतरी इलाकों और प्रमुख शहरों के विभिन्न हिस्सों आदि में आतंकवादी हमलों और बम विस्फोटों आदि के रूप में आतंकवादी हमलों की असंख्य घटनाएं हुई हैं।
बड़ी संख्या में ऐसी घटनाओं के जटिल अंतर-राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध पाए जाते हैं और अन्य गतिविधियों जैसे हथियारों एवं ड्रग्स की तस्करी, नकली भारतीय मुद्रा को प्रचलन में लाना, सीमा पार से घुसपैठ और अन्य गतिविधियों के साथ संभावित संबंध आदि पाए जाते हैं। इन सभी के मद्देनजर, यह महसूस किया गया कि आतंकवाद और राष्ट्रीय प्रभाव वाले कुछ अन्य कृत्यों से संबंधित अपराधों की जांच हेतु केंद्रीय स्तर पर एक एजेंसी की स्थापना की आवश्यकता है। प्रशासनिक सुधार आयोग सहित कई विशेषज्ञों और समितियों ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी एजेंसी की स्थापना के लिए सिफारिशें की थीं।
सरकार ने इसमें निहित मुद्दों पर उचित विचार और जांच के बाद, विशिष्ट अधिनियमों के तहत विशिष्ट मामलों को जांच हेतु लेने के प्रावधान सहित एक समवर्ती क्षेत्राधिकार वाले ढांचे में एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्थापना के लिए प्रावधान करने हेतु एक कानून बनाने का प्रस्ताव दिया। तदनुसार 31 दिसंबर, 2008 को एनआईए अधिनियम, अधिनियमित किया गया और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अस्तित्व में आया। वर्तमान में एनआईए भारत में केंद्रीय आतंकवाद निरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है।
आज तक एनआईए द्वारा दर्ज किए गए और जांच किए गए मामले
690
दर्ज किए गए मामले
169
निर्णीत मामले
156
दोषसिद्धि वाले निर्णीत मामले
92.31%
दोषसिद्धि दर


